ब्लडटेस्ट की नहीं पड़ेगी जरूरत : कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के बायोमार्कर की पहचान से इन बीमारियों के बारे मेंपता लगाया जा सकेगा । इस तरह के टेस्ट से शरीर के अंदर मौजूद किसी संक्रमण या गंभीर स्थिति के बारे में बिना खून के नमूनों की जांच किए ही पता चल जाएगा । इनसान के सांसों में भी बीमारियों के ये बायोमार्कर मौजूद होते हैं , लेकिन बेहद कम मात्रा में । वर्तमान में इन बीमारियों की पहचान करने के लिए लैब विश्लेषण और इलेक्ट्रिकल उपकरणों की जरूरत पड़ती । नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम अब एक ऐसा उपकरण बनाने में जुटी है जो बिना किसी सुई के इन बीमारियों की पहचान करने में सक्षम है ।
किसी भी बीमारी की जल्दी पहचान होने से उसके ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है । वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सेंसर बनाया है जिसका इस्तेमाल कर एक ऐसा उपकरण बनाया जा सकता है जो सिर्फ सांसों का विश्लेषण कर कैंसर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों की पहचान कर सकते हैं । सांसों से बीमारियों की पहचान होने से इनके जल्दी इलाज करने की संभावना बढ़ेगी । शोधकर्ताओं ने सफलतापूर्वक ने नैनोपार्टिकल स्कैफोल्ड नामक एक मटीरियल का निर्माण किया है । यह धातु और सेमीकंडक्टर के छोटे टुकड़ों से बनाया गया है । यह एक इनसानी बाल से हजारों गुनाछोटा है और इसे एक उच्च संवेदनशील सेंसर में जोड़ा गया है । ब्रीथएनालाइजर में लगाया जाएगा सेंसर इन सेंसरों को ब्रीथएनालाइजर जैसे हाथ में पकड़े जाने वाले उपकरण मॅलगाया जाएगा । इस तरह के उपकरण का इस्तेमाल शराब पीने वाले वाहन चालकों की जांच करने के लिए किया जाता है । इस सेंसर की क्षमता की जांच करने के बाद बीयपनालाइजर जैसे उपकरण का निर्माण कया जा रहा है ।
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