अब 70 से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो में भी वेक्सीन असरदार : ऑक्सफर्ड

ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन का 560 स्वस्थ वॉलंटियर्स पर परीक्षण किया है । परीक्षण के दौरान वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित पाई गई है और देखा गया कि वॉलंटियर्स इसे आसानी से सहन कर पा रहे थे । 

सबसे अचछी बात रही कि ज्यादा उम्र वर्ग के लोगों में भी यह उतनी ही प्रभावी है । बता दें कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को ही दिखा है । 

कुल मरीजों में सबसे ज्यादा संख्या 55 साल से ज्यादा उम्र वालों की है । ऐसे में कोरोना के इलाज में इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है । 

ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की टीम यह भी परीक्षण कर रही है कि क्या यह वैक्सीन फेज -3 के ट्रॉयल में भी इतनी ही प्रभावी रहती है । फेज -3 ट्रॉयल के रिजल्ट भी जल्द ही सामने लाए जाएंगे । 

बताया गया है कि आने वाले हफ्तों में इसकी जानकारी दी जा सकती है।


एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी को बड़ी सफलता मिली है । 

ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि ट्रायल के दौरान उसकी वैक्सीन बुजुर्गों के इलाज में कारगर साबित हो रही है । 

ऑक्सफर्ड का कहना है कि इस वैक्सीन से 56-69 आयु वर्ग के स्वस्थ बुजुर्गों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों में एक मजबूत इम्युन रिस्पांस देखने को मिल रहा है । 

यह रिसर्च लांसेट मैगजीन में प्रकाशित हुई है । बता दें कि यूके ने पहले ही ऑक्सफर्ड वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक का आदेश दिया है , जिसे एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार किया जा रहा है । वैक्सीन का सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के साथ संपर्क है 


इतना लंबा सफर होगा आप तक कोरोना वैक्सीन का कोविड -19 की वैक्सीन को इस्तेमाल करने का अप्रूवल मिल जाने के बाद भी आपके नजदीकी क्लिनिक तक पहुंचने के लिए उसे लंबा सफर तय करना होगा। 


भारत डेढ सौ करोड वैक्सीन डोज की कर चुका बुकिंग संग जैति भड

वॉशिंगटनः अमेरिकी पत्रिका वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक , वैक्सीन डोज खरीदने के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है । अमेरिका और यूरोपीय यूनियन पहले और दूसरे स्थान पर हैं । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , यह रिपोर्ट ड्यूक यूनिवर्सिटी की पहल पर आधारित है ।

इसके अनुसार , भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाद कोविड -19 वैक्सीन डोज खरीदने के मामले में तीसरे स्थान पर | भारत 1.5 अरब से अधिक डोज खरीदने की पुष्टि कर चुका है , जो कि यूरोपीय यूनियन की 1.2 अरब डोज और अमेरिका की 1 अरब डोज से अधिक है । 

बता दें कि भारत सहित दुनियाभर के कई देशों में कोरोना वायरस की काट ढूंढ़ने के लिए वैक्सीन का परीक्षण जारी है । 

कई कंपनियों ने परीक्षणों में अच्छे नतीजे मिलते देख बड़े पैमाने पर वैक्सीन के उत्पादन की शुरुआत हो गई है । ( एनबीटी )

Post a Comment

0 Comments